भारत में 2030 तक 20 से अधिक Mega Industrial Parks स्थापित होंगे।

भारतवर्ष की लगातार बढ़ती हुई मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को देखते हुए, भारत 2030 तक 20 से अधिक Mega Industrial Parks की स्थापना करने की योजना बना रही है। इन Mega Industrial Parks को स्थापित करने का उद्देश्य चीन के द्वारा सफल इंडस्ट्रियल पार्क मॉडल का अनुसरण करना तो है ही इसके साथ-साथ भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में भी अग्रणी बनाना है।

ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में पांचवें से तीसरे स्थान पर आना.

भारत वर्तमान में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में पांचवें स्थान पर है। आने वाले दशक में इन मेगा पार्कों की स्थापना के साथ भारत तीसरे स्थान तक पहुंचने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। यह Mega Industrial Parks की परिकल्पना विभिन्न प्रमुख मंत्रालयों एवं अथॉरिटी के मध्य संबंध एवं प्रतिनिधित्व करके विकसित किए जाएंगे, जिनमें कुछ प्रमुख :-

  • फार्मा
  • वस्त्र
  • पेट्रोलियम
  • वाणिज्य

इन Mega Industrial Parks से औद्योगिक विकास के लिए एक स्ट्रक्चरल एवं सेंट्रल अप्रोच प्रदान करने की उम्मीद है, जो छिटपुट और खंडित विकास से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हैं।

Mega Industrial Parks की मुख्य विशेषताएँ.

क्षेत्र-विशिष्ट फ़ोकस:

प्रत्येक पार्क विशिष्ट उद्योगों को समर्पित होगा जैसे:

  • रसायन
  • वस्त्र
  • चमड़ा
  • चिकित्सा उपकरण
  • थोक दवाएँ

सुव्यवस्थित मैन्युफैक्चरिंग हब:

  • अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ एकीकृत सुविधाएँ।
  • उत्पादन, लॉजिस्टिक और निर्यात के लिए समर्पित क्षेत्र।

सहयोगी विकास:

  • केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच भागीदारी।
  • कुशल संचालन एवं इनोवेशन सुनिश्चित करने के लिए निजी खिलाड़ियों की सक्रिय भागीदारी।

आर्थिक और रोज़गार वृद्धि:

  • इस पहल से भारत के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • लाखों प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसरों का सृजन होगा।

इस कार्य योजना का महत्व

विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा:

  • केंद्रीकृत, सुनियोजित इंडस्ट्रियल हब का मुख्य लक्ष्य भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करना एवं चीन और वियतनाम जैसे ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावर हाउस के साथ प्रतिस्पर्धा करना है।

बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र:

  • यह औद्योगिक पार्क अपर्याप्त बुनियादी ढाँचे, आपूर्ति श्रृंखला की अक्षमताओं एवं क्षेत्रीय फ़ोकस की कमी जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करेंगे।

निर्यात को बढ़ावा:

  • बढ़ी हुई मैन्युफैक्चरिंग क्षमताएँ भारत की एक्सपोर्ट प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लाएँगी जो विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल्स एवं टेक्सटाइल जैसे उच्च-मांग वाले क्षेत्रों होंगे।

सरकार का रणनीतिक रोडमैप

  • 2030 विजन: भारत सरकार के द्वारा 2030 तक इन मेगा इंडस्ट्रियल पार्क के माध्यम से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में भारत के योगदान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
  • सहयोगी मंत्रालय: इस पल में सभी मंत्रालयों के सहयोग का दृष्टिकोण एक एकीकृत रणनीति सुनिश्चित करता है, जो अतीत में देखे गए विखंडित विकास से बचता है।
  • स्थायित्व एकीकरण: वैश्विक पर्यावरण मानकों के साथ संरेखित करने के लिए आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों एवं प्रैक्टिस को प्राथमिकता दी जाएगी।

भविष्य की ओर देखना

इन Mega Industrial Parks का विकास भारत के खुद को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने के इरादे का संकेत देता है। रणनीतिक योजना, रीजनल एक्सपर्टीज एवं उन्नत बुनियादी ढाँचे पर ध्यान केंद्रित करके, भारत अपने मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को फिर से परिभाषित करने और वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार है।

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