भारत में अक्षय ऊर्जा निर्माण क्षेत्र में बड़ी छलांग
रेफेक्स इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी Venwind Refex Power Limited ने 5.3 मेगावाट क्षमता वाले विंड टर्बाइन के निर्माण के लिए 800 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। यह परियोजना भारत के 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
परियोजना के प्रमुख बिंदु
✔ निवेश: 800 करोड़ रुपये
✔ तकनीकी साझेदार: जर्मनी की वेनसिस एनर्जी एजी (120+ गीगावाट वैश्विक अनुभव)
✔ टर्बाइन क्षमता: 5.3 मेगावाट (हाइब्रिड डिज़ाइन)
✔ विशेषता: कम हवा वाले क्षेत्रों (2 m/s) के लिए अनुकूलित
✔ उत्पादन लक्ष्य: 5 वर्षों में 5 गीगावाट वार्षिक क्षमता
भारत के लिए इस परियोजना का महत्व
1. स्वदेशी विंड टर्बाइन निर्माण को बढ़ावा
- मेक इन इंडिया के तहत 5+ मेगावाट क्लास के पहले टर्बाइन
- आयातित तकनीक पर निर्भरता कम करेगा
- राष्ट्रीय पवन-सौर संकर नीति को सपोर्ट करेगा
2. जर्मन-भारतीय तकनीक का समन्वय
- वेनसिस की परमानेंट मैग्नेट जनरेटर तकनीक (गोल्डविंड द्वारा उपयोग)
- हाइब्रिड ड्राइवट्रेन से गियर्ड और गियरलेस सिस्टम के फायदे
- ओडिशा, झारखंड जैसे कम हवा वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श
3. आर्थिक एवं औद्योगिक लाभ
- 1,000+ कुशल रोजगार का सृजन
- एशिया व अफ्रीका को निर्यात की संभावना
- भारत के विंड एनर्जी इकोसिस्टम को मजबूती
नेतृत्व एवं रणनीतिक दृष्टि
मधुसूदन खेमका (पूर्व-रेजेन पावरटेक) इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं। यह परियोजना निम्नलिखित से जुड़ी है:
✅ आत्मनिर्भर भारत – नवीकरणीय तकनीक
✅ नवीकरणीय ऊर्जा के लिए पीएलआई योजना
✅ वैश्विक नेट-जीरो प्रतिबद्धताएं
भविष्य की योजना
- 2025-26: संयंत्र निर्माण व तकनीकी हस्तांतरण
- 2027: व्यावसायिक उत्पादन शुरू
- 2029-30: 5 गीगावाट वार्षिक क्षमता का लक्ष्य
- ऑफशोर विंड टर्बाइन विकास की संभावना